24.1 C
Raipur
Sunday, December 14, 2025
Homeछत्तीसगढ़धान खरीदी कम करने के लिए रकबा कटौती कर रही है सरकार,...

धान खरीदी कम करने के लिए रकबा कटौती कर रही है सरकार, सुरेंद्र वर्मा

Date:

Related stories

रायपुर में 19–20 दिसंबर को होगा नेशनल ट्रांसजेंडर स्पोर्ट्स मीट 2025

रायपुर। समानता सम्मान और सामाजिक समावेशन की भावना को...

2 साल पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री ने सरकार की बताइए उपलब्धि

रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज वर्तमान...

रायपुर.धान खरीदी में रकबा कटौती को लेकर सरकार पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है छत्तीसगढ़ के किसान डिजिटल कॉर्प सर्वे और गिरदावली के बोगस आंकड़ों के आधार पर किए जा रहे रकबा कटौती से व्यथित हैं। 21 क्विंटल प्रति एकड़ के बजाय मात्र 15 से 17 क्विंटल प्रति एकड़ धान ही बेच पा रहे हैं। सरकार की दुर्भावना से प्रदेश के किसानों के हाथों शोषण का शिकार होने मजबूर है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार के मौखिक आदेश से अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग त्रुटिपूर्ण व्यवस्था की गई है, कई जगह डिजिटल सर्वे किया गया है, तो कई जगह खटिया गिरदावली के आधार पर, बिना मौका मुआयना के फर्जी अनावरी रिपोर्ट बनकर प्रति एकड़ धान खरीदी की लिमिट तय की गई है, इस तरह के सरकार की दुर्भावना और खिचड़ी व्यवस्था से पूरा सिस्टम बिगड़ गया है। गिरदावली करना राजस्व विभाग का काम है लेकिन जब किसान अपनी शिकायत लेकर राजस्व विभाग पहुंच रहे हैं, तो उन्हें समाधान के लिए खाद्य विभाग भेजा जा रहा है, खाद्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी किसानों को कृषि और सहकारिता विभाग के पास भेज रहे, इस तरह से त्रुटि सुधरवाने के लिए चार-चार विभाग से जूझ रहे किसान हताश हो चुके हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि एकीकृत किसान पोर्टल और एग्री स्टेक पोर्टल का मिलान करने पर कई किसान गायब मिल रहे हैं, धान के फसल के 5 लाख हेक्टेयर रकबा का पंजीयन कम हुआ है, इसमें से भी डिजिटल कॉर्प सर्वे में खेत के फसल को निरंक बताया गया है, अर्थात जिन किसानों ने अपने खेत में धान का फसल बोया गया है, उनके भी फसल के कॉलम में निरंक दर्ज कर दिया गया है जिससे किसान धान बेचने से वंचित हो रहे हैं। किसानों के खेतों के रकबा में कटौती किसानों की आम समस्या बन गया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि किसानों का पूरा धान तैयार है, लेकिन रिकार्ड में जमीन कम दिखाने से किसान अपना पुरा धान बेच नहीं पा रहे हैं, सरकार और प्रशासन की गलती से सीधा नुकसान किसानों को हो रहा है। तहसील ऑफिस, राजस्व कार्यालय, जिला कलेक्टर से लेकर मंत्री विधायकों तक किसान लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं है इस सरकार में समाधान के लिए कोई समय सीमा निश्चित नहीं की गई है त्रुटि पूर्ण गिरदावली मोहल्ला पर वही नहीं बल्कि किसानों के अधिकार से खिलवाड़ है गिरदावाली जैसे महत्वपूर्ण कार्य में पारदर्शिता और जवाबदेही होनी चाहिए लेकिन इस सरकार में कहीं दिख नहीं रहा है। प्रशासन के रवैए से स्पष्ट है कि यह सरकार किसानों से पुरा धान नहीं खरीदना चाहती है।

- Browse free from up to 5 devices at once

Latest stories