14.5 C
Raipur
Sunday, December 14, 2025
Homeछत्तीसगढ़आईआईएम रायपुर में DGP-IG सम्मेलन: पीएम मोदी ने कहा—‘विकसित भारत के लिए...

आईआईएम रायपुर में DGP-IG सम्मेलन: पीएम मोदी ने कहा—‘विकसित भारत के लिए सुरक्षा तंत्र का आधुनिकीकरण जरूरी

Date:

Related stories

रायपुर में 19–20 दिसंबर को होगा नेशनल ट्रांसजेंडर स्पोर्ट्स मीट 2025

रायपुर। समानता सम्मान और सामाजिक समावेशन की भावना को...

2 साल पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री ने सरकार की बताइए उपलब्धि

रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज वर्तमान...

रायपुर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर में पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के 60वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लिया। तीन दिवसीय इस सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत: सुरक्षा आयाम’ रखा गया है।

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से युवाओं के बीच पुलिस के प्रति जनता की धारणा बदलने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस तंत्र में दक्षता, संवेदनशीलता और जवाबदेही बढ़ाई जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने शहरी पुलिस व्यवस्था को और मजबूत करने, पर्यटक पुलिस को पुनः सक्रिय करने तथा नए आपराधिक कानूनों—भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता—के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता बताई।

प्रधानमंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस तथा प्रशासन को निर्जन द्वीपों को सुरक्षा ढांचे में शामिल करने के लिए नवीन रणनीतियां अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (नेटग्रिड) के अंतर्गत एकीकृत डेटाबेस के प्रभावी उपयोग और इन प्रणालियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़कर कार्रवाई योग्य खुफिया सूचना प्राप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों को पुलिस जांच में फोरेंसिक के उपयोग से संबंधित केस स्टडी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि फोरेंसिक के बेहतर इस्तेमाल से आपराधिक न्याय प्रणाली और मजबूत होगी।

प्रधानमंत्री ने प्रतिबंधित संगठनों की नियमित निगरानी के लिए तंत्र विकसित करने, वामपंथी उग्रवाद से मुक्त क्षेत्रों के समग्र विकास और तटीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नवोन्मेषी मॉडल अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रवर्तन, पुनर्वास और सामुदायिक हस्तक्षेप को एक साथ लेकर चलने वाला समग्र सरकारी दृष्टिकोण जरूरी है।

सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई, जिनमें विज़न 2047 के अनुरूप पुलिस व्यवस्था का दीर्घकालिक रोडमैप, आतंकवाद और कट्टरपंथ-रोधी रणनीतियां, महिलाओं की सुरक्षा में तकनीक का उपयोग, विदेशी देशों में रह रहे भारतीय भगोड़ों को वापस लाने की रणनीतियां और प्रभावी जांच व अभियोजन के लिए फोरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने जैसे विषय शामिल रहे।

प्रधानमंत्री ने चक्रवात, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपात स्थितियों, जिनमें चक्रवात ‘दित्वा’ की मौजूदा परिस्थिति भी शामिल है, के लिए प्रभावी आपदा प्रबंधन को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षा और कम से कम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय योजना, बेहतर समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और समग्र सरकारी दृष्टिकोण अनिवार्य है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पुलिस नेतृत्व से विकासशील राष्ट्र की आकांक्षाओं के अनुरूप पुलिस व्यवस्था को नए सिरे से व्यवस्थित करने का आह्वान किया, ताकि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किए। साथ ही शहरी पुलिस व्यवस्था में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन शहरों को भी पहली बार स्थापित इस पुरस्कार से सम्मानित किया।

इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय गृह सचिव सहित सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक मौजूद रहे। देशभर से 700 से अधिक अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

- Browse free from up to 5 devices at once

Latest stories