हैकर्स ने ज्यादातर उनके कैमरा सिस्टम को हैक किया, जिनके पासवर्ड पहले से सेट आते हैं या डिफॉल्ट पासवर्ड हैं। हैकर्स ने नौ महीनों में पूरे देश के करीब 80 सीसीटीवी सिस्टम हैक किए, इनसे 50,000 से ज्यादा क्लिप चुराईं।
गुजरात के राजकोट से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है — जहां पायल मातृत्व अस्पताल के CCTV कैमरे हैक कर हजारों निजी क्लिप्स इंटरनेट पर बेच दी गईं। यह सिर्फ एक अस्पताल की बात नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए डिजिटल चेतावनी है।
🕵️♂️ कैमरा नहीं, ‘स्पाईमरा’ बन गया!
हैकर्स ने देशभर के करीब 80 CCTV सिस्टम हैक किए और 50,000 से ज्यादा वीडियो क्लिप चुरा लीं।
सिर्फ 9 महीनों में ये काला कारोबार चला और वीडियो टेलीग्राम चैनलों पर ₹700 से ₹4000 तक बेचे गए।
⚙️ कैसे हुआ यह ‘डिजिटल खेल’
हैकर परीत धमेलिया ने वेबसाइट suIP.biz से कैमरों के IP एड्रेस ढूंढे।
फिर Masscan टूल से खुले पोर्ट (रिमोट एक्सेस के दरवाजे) तलाशे।
SWC सॉफ्टवेयर से कैमरा आईडी और पासवर्ड निकाले।
ज्यादातर कैमरों में डिफॉल्ट पासवर्ड थे — जैसे admin123 या 12345।
बॉट्स और स्क्रिप्ट से ऑटोमेटिक लॉगिन, डाउनलोड और लॉगआउट होते रहे — और किसी को भनक तक नहीं लगी।
🌍 20 राज्यों में हिला सिस्टम
हमला अस्पतालों, स्कूलों, फैक्ट्रियों, सिनेमा हॉलों और घरों तक पहुंच गया।
वीपीएन से आईपी छिपा कर, हैकर्स ने ऐसे एक्सेस किया मानो कोई न्यूयॉर्क या बुकारेस्ट से जुड़ रहा हो।
पुणे, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में CCTV सिस्टम हैक हुए।
🔍 कैसे हुआ पूरा साइबर हमला
पुलिस जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी परीत धमेलिया ने वेबसाइट suIP.biz से गुजरात के कैमरों के IP एड्रेस निकाले।
उसके बाद Masscan टूल से खुले पोर्ट (remote access) ढूंढे, और SWC सॉफ्टवेयर से कैमरा ID और पासवर्ड हासिल किए।
अधिकांश कैमरों में पासवर्ड फैक्ट्री सेट (जैसे admin123 या 12345) थे, जिन्हें कभी बदला नहीं गया था। इसी लापरवाही का फायदा उठाकर हैकर्स ने हजारों कैमरों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया।
🌍 20 राज्यों में फैला हैकर्स का जाल
यह साइबर हमला सिर्फ गुजरात तक सीमित नहीं रहा।
हैकर्स ने पुणे, मुंबई, नाशिक, सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली, जयपुर सहित 20 राज्यों के अस्पतालों, स्कूलों, ऑफिस, फैक्ट्री और घरों के CCTV सिस्टम को निशाना बनाया।
हैकर्स ने अपने IP एड्रेस छिपाने के लिए VPN का इस्तेमाल किया, जिससे वे न्यूयॉर्क या बुकारेस्ट से ऑनलाइन दिखते थे।
जनवरी 2024 से सितंबर 2025 के बीच करीब 11,000 सेशन रिकॉर्ड किए गए।
🚨 39 घंटे में मुख्य आरोपी गिरफ्तार
राजकोट पुलिस ने तकनीकी टीम की मदद से 39 घंटे के भीतर आरोपी परीत धमेलिया को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह टेलीग्राम के ज़रिए हैक किए गए वीडियो को आगे बेच रहा था।
आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट और साइबर टेररिज्म (Section 66F) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हालांकि, गिरफ्तारी के बाद भी जून 2025 तक कई वीडियो टेलीग्राम पर घूमते रहे।
⚠️ कैमरा है तो खतरा भी — ऐसे रखें खुद को सुरक्षित
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि आम लोग CCTV लगाने के बाद उसकी साइबर सुरक्षा पर ध्यान नहीं देते, जबकि यही सबसे अहम है।
🔒 इन उपायों से करें अपने CCTV सिस्टम को सुरक्षित:
डिफॉल्ट पासवर्ड तुरंत बदलें।
मजबूत और यूनिक पासवर्ड लगाएं, जैसे Home@2025#CCTV।
MFA (Multi Factor Authentication) ऑन करें — लॉगिन पर OTP या मोबाइल कोड भी जरूरी करें।
CCTV को सीधे इंटरनेट से न जोड़ें।
Firmware अपडेट करते रहें ताकि सिस्टम में सुरक्षा खामियां न रहें।
📱 साइबर एक्सपर्ट की राय
साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों के मुताबिक,
“CCTV अब घर की आंखें ही नहीं, डिजिटल दुनिया का दरवाज़ा भी बन गया है।
कमजोर पासवर्ड आपकी प्राइवेसी के लिए सबसे बड़ा खतरा है।”
🧠 सीख – ‘सुरक्षा की शुरुआत पासवर्ड बदलने से होती है’
राजकोट की यह घटना इस बात की चेतावनी है कि टेक्नोलॉजी जितनी उपयोगी है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है अगर सावधानी न बरती जाए।
आपका CCTV सिस्टम सुरक्षित है या नहीं — यह अब सिर्फ तकनीकी नहीं, व्यक्तिगत सुरक्षा का भी सवाल है।