रायपुर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज गुजरात के केवड़िया स्थित एकता नगर में आयोजित भारत पर्व में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “भारत पर्व हमारे देश की विविधता में एकता का प्रतीक है, जहां हर राज्य की संस्कृति, परंपरा और गौरव एक साथ देखने को मिलता है।”
कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना और छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री साय ने लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन करते हुए कहा कि “भारत पर्व उनकी 150वीं जयंती वर्ष पर आयोजित हो रहा है, जिसका समापन धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती — राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस — पर होगा। यह पर्व भारत के सांस्कृतिक और भावनात्मक एकीकरण का सशक्त प्रतीक है।”
मुख्यमंत्री ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की भव्यता की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रतिमा “भारत की एकता की पहचान है।” उन्होंने बताया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके निर्माण का निर्णय लिया था, तब देशभर के गांवों से लोहा एकत्र किया गया — जो सच्चे अर्थों में “एक भारत” की भावना का प्रतीक है।
साय ने कहा कि “जिस तरह सरदार पटेल ने रियासतों को जोड़कर एक भारत बनाया, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी ने उनके सपनों के भारत को सशक्त करने का कार्य किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के निर्णय से सरदार पटेल ने स्वतंत्र भारत में सनातन संस्कृति के वैभव को पुनः स्थापित किया था, और आज प्रधानमंत्री मोदी उसी भावना को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “यह हम सबका सौभाग्य है कि आज देश की विरासत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे दूरदर्शी नेतृत्व के हाथों में है, जो सरदार पटेल के आदर्शों को जीवंत कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में राष्ट्रीय एकता दिवस पर छत्तीसगढ़ की झांकी ने परेड में हिस्सा लेकर पूरे देश को “राष्ट्रीय एकता का संदेश” दिया।
साय ने कहा कि “बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का वंदे मातरम् और सरदार पटेल की एकता की भावना — यही हमारी राष्ट्रीय पहचान है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल ने सिविल सेवा ढांचे का भारतीयकरण किया, जिसकी झलक आज भी हमारे प्रशासनिक तंत्र में दिखाई देती है।
भारत पर्व के दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक दल के कलाकारों से मुलाकात