रायपुर । नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी ने तीन दिन पहले नया रायपुर स्थित निवास में उपमुख्यमंत्री अरुण साव से मुलाकात कर राजधानी की लचर नगरीय व्यवस्था की शिकायत की।
तिवारी ने कहा कि मंत्री ने स्वयं राजधानी के 70 वार्डों के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार करने की बात कही थी और प्रत्येक वार्ड को 50 लाख रुपए देने की घोषणा भी की थी। इसके लिए निगम के दसों जोनों से वार्डवार विकास प्रस्ताव मांगे गए थे, लेकिन समय बीतने के बावजूद इस पर अमल नहीं हुआ।
उन्होंने बताया कि मंत्री ने भी स्वयं स्वीकार किया कि उनके निर्देश के बाद भी अब तक कोई प्रस्ताव उनके पास नहीं पहुँचा है। यह स्थिति साबित करती है कि निगम अधिकारी पूरी तरह निरंकुश हो चुके हैं।
तिवारी ने कहा कि सभी पार्षद राजधानी के जनप्रतिनिधि हैं और हर वार्ड का विकास कराना उनका दायित्व है, क्योंकि जनता ने भरोसे के साथ उन्हें चुना है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उनकी मुलाकात के बाद ही नगर निगम के अधिकारी सक्रिय हुए और आज दसों जोनों से प्रस्ताव बनाकर भेजे गए। इससे यह स्पष्ट है कि अधिकारी मंत्री की बातों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे थे, जिसके कारण विकास कार्य लगातार प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष अपना दायित्व पूरी ईमानदारी से निभा रहा है, लेकिन सत्ता पक्ष की कार्यप्रणाली समझ से परे है। कई वार्डों में नालियों का निर्माण अधूरा है, कई जगह सड़कें और पेवर उखड़ चुके हैं, कहीं सीवर लाइन का काम अधूरा है, कई क्षेत्रों के श्मशान घाट सुधार की प्रतीक्षा में हैं और वार्डों के उद्यान बदहाल स्थिति में हैं।
तिवारी ने कहा कि ऐसे अनेक जरूरी कार्य हैं जिन्हें कराने की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों पर होती है, लेकिन निगम की उदासीनता के कारण विकास कार्य लगातार प्रभावित हो रहे हैं।